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घर बैठे पाएं अपने मुक़दमे की जानकारी

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अगर आपका कोई भी मुकदमा/वाद अदालत में लंबित है तो आप अब उसकी जानकारी घर बैठे ही अपने कंप्यूटर या मोबाईल से प्राप्त कर सकते हैं | तकनीक के साथ हाथ मिलाते हुए न्यायालय प्रशासन ने इसके लिए बहुत सारे उपाय किए हैं | बहुत सारे नए एप्स व मोबाईल सेवा का उपयोग करके न सिर्फ मुक़दमे बल्कि अदालतों की ,न्ययाधीशों की ,वाद सूची ,फैसले आदेश आदि की पूरी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं | संक्षेप में इस चित्र के माध्यम से बताया गया है | विस्तार से जानने व पढ़ने के लिए जुड़े रहें और किसी भी शंका सलाह सुझाव के लिए प्रश्न करते रहें |

कांग्रेस में निक्कमा कौन ??

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कल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ,सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा : वो नकारा है ,निक्क्मा है |

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल ने कहा कि 
:गहलोत जी को सार्वजनिक रूप से ऐसा नहीं कहना चाहिए था , दुनिया को पता है कि काँग्रेस में निकम्मा और नाकारा कौन है 

दुनिया  गहलोत की बात नहीं मानेगी |

शरिया कानूनों की हिमायत के लिए नहीं बना था AMU

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केवल हिन्दू ही नहीं ,यहाँ के रहने वाले सभी समुदाय चाहे वे मुसलमान हों या ईसाई ,ये सब भी ,हिन्दू हैं – सैयद अहमद (अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय के संस्थापक ) 3 फरवरी 1884 .

Indian Association Lahore द्वारा आयोजित इस सभा में अपनी इस बात को आगे बढ़ाते हुए सर सैयद अहमद कहते हैं की कौम को किसी पूजा-पद्धति यामजहबी आस्था के साथ सीमित नहीं करना चाहिए , क्यूंकिकॉम के सभी लोग चाहे हिन्दू हों या मुसलमान ,इसी भूमि पर पाह रहे हैं ,यहां का अन्न-जल सेवन करते हैं और समृद्धि व् अधिकारों का सामान रूप से उपभोग करते हैं | हिंदुस्थान में रहने वाले इन दोनों समुदायों को हिन्दू राष्ट्र या कौम के साझे नाम पर एकजुट रहना चाहिए |

आज भूल वश भी यदि कोई भी मुस्लिम विद्वान ऐसी बात को सोचे और कहे भी तो उसके खिलाफ तुरंत फतवा जारी हो जाए | हाल ही में हुए एक अफसोसजनक घटना में इस विश्व विद्यालय के एक छात्र ने अपने साथ ही पढ़ने वाली छात्रा को जबरन हिजाब न पहनाने की धमकी दे डाली है और न पहनने की सूरत में उसे पीतल का हिज़ाब पहनाने की बात कह दी |

इससे भी अधिक अफ़सोस की बात ये है की वहाँ का शिक्षक समुदाय भी इसे जस्टीफाई करने में लगा हुआ है और पूरी बेशर्मी से इसे सही बता रहा है | जबकि इस तरह की शरीया सोच की हिमायत करने के लिए और इसे आगे बढ़ाने की कट्टर वादी सोच से बिलकुल विपरीत सोच और उद्देश्य के साथ स्थापना की गई थी इस -मोहम्डन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की वर्ष 1975 में |

ये कॉलेज जो बाद में सैयद अहमद द्वारा , ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्व विद्यालय जैसा शिक्षण संस्थान बनाने , और विशेष रूप से मुस्लिमों में व्याप्त अज्ञानता ,मजहबी रूढ़िवाद को खत्म करने के लिए उन्हें वैज्ञानिक और आधुनिक शिक्षा पद्धति से जोड़ कर समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए लिया गया था | इसके लिए सैयद अहमद द्वारा चलाए गए अलीगढ़ आंदोलन से प्रेरित होकर इस महाविद्यालय ,जिसे वर्ष 1920 में अलीग़ढ मुस्मिल विश्व विद्यालय का दर्ज़ा हासिल हुआ , की नींव रखी गई थी |

इतना ही नहीं आज , जिस तरह किस शरीया सोच से वहाँ का शैक्षिणक माहौल दूषित किया जा रहा है और छात्राओं तक को वहां ऐसी धमकियाँ दी जा रही हैं ,कभी मुस्लिम बच्चियों को भी ऐसे आधुनिक शिक्षा प्रवाह से जोड़ने के लिए डॉ शेख अब्दुल्ला जो पापा मियाँ के नाम से विख्यात थे तथा खातून नामक एक पत्रिका सिर्फ महिलाओं की शिक्षा का समर्थन करने के लिए निकालते थे उनके अपने अथक परिणाम से युवतियों के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय महिला कॉलेज की भी स्थापना हुई | हालाँकि ये कितना सफल रहा इसका अंदाज़ा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2014 में मौलाना आजाद पुस्तकालय में छात्रों के प्रवेश की एक मांग को ठुकरा दिया गया था | और बाद में अदालती हस्तक्षेप के बाद ही उनको वहां जगह मिली |

वर्तमान में केंद्र की भाजपा सरकार आने के बाद स्थतियों को जान बूझ का और बदतर किया जाने लगा बिना ये सोचे समझे कि विश्व के सबसे अच्छे 1000 विश्व विद्यालयों में अपना नाम शुमार करने वाले इस शिक्षण ससंथान की छवि ऐसी नकारात्मक सोच और कट्टर पंथी शरीया रवैये से कितनी धूमिल होगी | गौर तालब बात ये भी है की यहां , पढ़ने वाले छात्रों को भी शेरवानी पहनना लाज़िमी सा है और विशष कार्यक्रमों में तो ये सर्वथा अनिवार्य भी |

आधुनिक और वैज्ञानिक शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया ये संस्थान और आज इस पर शरीया की कट्टर सोच को हावी होता देख मुस्लिमों के सच्चे हिमायती ,सर सैयद अहमद की रूह कितनी तकलीफ पा रही होगी काश कि ये सोच पाते | जो भी हो अब जब देश , एक राष्ट्र एक कानून की अवधारणा पर आगे बढ़ रहा है तो ऐसे में , इस जैसे सोच वाले तमाम लोगों और संस्थानों को भी खुद की नए समय के अनुसार बदलने के लिए तैयार रहना चाहिए |

दिल्ली पुलिस नहीं करे ,दिल्ली दंगों की जांच : प्रशांत भूषण

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मसहूर राष्ट्रवादी बकील साब ,प्रशांत भूषण जी ने मांग की है कि उन्हें दिल्ली दंगों की जांच कर रही दिल्ली पुलिस पर तनिक भी विश्वास नहीं है इसलिए ये जांच दिल्ली पुलिस से लेकर ,किसी स्वतन्त्र जाँच एजेंसी को सौंप दी जाए |

हाँ ,सही कह रहे हैं वो | हम बिलकुल वेल्ले बैठे हुए हैं ,हमें दे दो हम करेंगे ये जाँच : ए सी पी प्रदुम्न SONY CID वाले 
लो ये मैंने जांच ख़त्म भी कर ली , अब सजा भी सुन लो

राहुल गाँधी के वीडियोज़ देख चीन ने कहा -थैंक्यू पप्पू

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पिछले दिनों कांग्रेस के चिर युवा नेता राहुल गाँधी ने अपने करिश्माई नेतृत्व को , डिजाइनर और भयंकर स्टाईलिश रूप देकर लगातार वीडियोज़ बना कर पोस्ट करते आ रहे हैं |

इन वीडियोज़ को देख कर सबसे अधिक प्रभावित चीन की सरकार हुई है और उन्होंने राहुल गाँधी के इस नए प्रयोग और प्रयास के लिए उन्हें थैंक यू पप्पू भी कहा है |

टिक टॉक बंद हो जाने के कारण हमारे करोड़ों यूजर्स बहुत डिप्रेस्ड और लो फील कर रहे थे लेकिन आपके फन्नी वीडियोज़ ने वो सारी कसर पूरी कर दी और वो तमाम छपड़ी टिक टॉकिए अब एकदम तरोताज़ा महसूस कर रहे हैं – चीन सरकार 

ओली जल्द ही आ सकते हैं देखने अयोध्या

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ओली ने चायनीज़ चखना , ओह आई मीन , चायनीज़ चरस की हनक में रहते हुए अपने अलाय बलाय के बयानों की सीरीज के नेक्स्ट एपिसोड में ये बोल दिया की , भारत में असली अयोध्या नहीं है |

योगी जी ने तुरंत इस दुविधा का हल निकालते हुए उन्हें भारत आने / लाए जाने की तैयारी कर ली है |

उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश हुआ है कि , टीयूवी तैयार किया जाए और ओली बाबा को बिठा के सड़क मार्ग से ही ले आया जाए | अपना अपना गाय भैंस संभाल के रखना रे 

यौन अपराध : विमर्श और विश्लेषण

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देश में पढी सुनी देखी जाने वाली रोज़मर्रा की खबरों में दो समाचार अनिवार्य रूप से मौजूद रहते हैं एक भ्रष्टाचार और दूसरा यौन अपराध। हैरानी की बात तो ये है कि पिछले कुछ वर्षों से लगातार ही भ्रष्टाचार और यौन अपराध विषयक कानून बनाए जाते रहने के बावजूद भी इन पर नियंत्रण लगना तो दूर उलटा दोनों की दरों में वृद्धि होती जा रही है विशेषकर यौन अपराधों का विस्तार तो समाज के लिए अब एक घातक चेतावनी बनता जा रहा है ।

रोज़ाना अबोध ,मासूम बच्चियों से लेकर बालिकाओं ,युवतियों व महिलाओं तक के लिए यौन शोषणछेडछाड , शारीरिक मानसिक यातनाओं , तेज़ाबी हमले आदि की बढती घटनाएं जहां तेज़ी से बदलते सामाजिक परिवेश के प्रभाव काअध्ययन करने वाले समाज शास्त्रियों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं वहीं अपराधशास्त्री भी दिनोंदिन क्रूर व हिंसक होती जा रही प्रवृत्ति परबेहद चिंतित नज़र आ रहे हैं ।

राष्ट्रीय अपराध व्यूरो के आंकडों पर नज़र डालें तो ये बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि स्थिति दिनानुदिन भयावह होती जा रही है । पिछले कुछ वर्षों में  महिलाओं के विरूद्ध दर्ज़ किए गए अपराधों में सबसे अधिक 42% बलात्कार , शोषण एवं यौन हिंसा से संबंधित मामले हैं औरसबसे दु:खद व चिंतनीय बात ये है कि पिछले कुछ वर्षों में इसमें 11% की वृद्धि हुई है । ये साफ़ है कि पिछले दिनों महिलाओं के प्रति बढे यौन अपराधों के लिए बेशक सरकार व समाज में एक तीव्र प्रतिरोधी लहर देखने को मिली । सरकार ने न सिर्फ़ यौन अपराधों की परिभाषा को विस्तर दिया बल्कि अधिक कठोर कानूनों को भी लागू किया । किंतु इसके साथ ही देश के अलग अलग हिस्सों में लगातार होते यौन अपराध जता-बता रहे हैं कि कहीं कुछ भारी गडबड है ।

समाजविज्ञानी इस बात पर भी विमर्श कर रहे हैं कि सुदूर पश्चिम बंगाल के वीरभूम से लेकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आंगन तक आखिर इस प्रवृत्ति का विस्तार इतना अधिक क्यूं हुआ है जबकि अपराधविज्ञानी व दंडशास्त्री इसके लिए कुछ अलग और कमाल के दिलचस्प तर्क रखते हैं ।अपराधशास्त्री कहते हैं “यदि किसी कारणवश व्यक्ति की कामतुष्टि वैधानिक सीमाओं के भीतर नहीं हो पाती है तो वह यौन अपराध करने की ओर प्रवृत्त हो सकता है ।

आशय यह है कि भूख,प्यास आदि की भांति कामवासना भी मानव शरीर की एक प्राकृतिक आवश्यकता है जिसकी तुष्टि के लिए समाज में विवाह की संस्था अस्तित्व में आई । अत: यदि विवाह की संस्था सुदृढ है तो यौन अपराधों की संभावना अपेक्षाकृत कम रहती है । यौन अपराधियों के विश्लेषण के पश्चात एकत्रित किए गए आंकडे भी यह दर्शाते हैं कि विवाहित जीवन व्यतीत कर रहे व्यक्ति प्राय: इन अपराधोंसे दूर रहते हैं । “

वर्तमान हिन्दू विधि के अंतर्गत केवल पति पत्नी के बीच ही लैंगिक संबंध विधिक रुप से उचित व मान्य है अन्य सारे लैंगिक आचरण प्रतिबंधित माने गए हैं। जबकि समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से यौन संबंधों के विषय में यह धारणा है कि पुरूष की तुलना में स्त्री के नैतिक आचरण के प्रति समाज अधिक संवेदनशील है । संभवत: यौन अपराधों के संदर्भ में स्त्रियों के प्रति समाज की अधिक संवेदनशीलता का कारण यह है कि इन कृत्यों के पश्चातवर्ती परिणाम पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं के लिए अधिक गंभीर और हानिकारक होते हैं ।

लैंगिक वासना की तुष्टि मानव व्यक्तित्व की जैविक आवश्यकता होने के कारण इसे वैधानिक सीमाओं में संतुष्ठ किया जाना अपेक्षित है । इसलिए विवाह को यौन अपराधों को रोकने वाला एक प्रभावी सेफ़्टी वॉल्व कहा गया है क्योंकि यह व्यक्ति की यौन तुष्टि तथा मनो जैविक आवश्यकता की पूर्ति का साधन है जो उसके व्यक्तिव को निखारता है और उसे यौन अपराधों से परावृत्त रखता है ।

जहां तक इनके वर्तमान कारकों के अन्वेषण की बात है तो समाज के बदलते हुए परिवेश का चक्र अब शायद उस स्थिति की ओर बढ रहा है जहां सभ्यता अपने पुराने कबीलाई व्यवहार की ओर बढती , अधिक हिंसक व उत्तेजित हो रही है । भारतीय समाज को जिस तरह से समलैंगिकता , विवाहेत्तर संबंध, उनमुक्त और स्वच्छंद यौनाचार , अप्राकृतिक यौन व्यवहार आदि जाने कितने सारे उन व्यवहारों का जेनरेलाइजेशन और उन्हें वैधानिक दर्ज़ा दिलाने की जल्दबाज़ी मची हुई है जो कहीं न कहीं समाज के यौनिक पक्ष से जुडा हुआ है ।

समाज का उपभोक्तावादी चरित्र , नशे का सेवन, असंतुलित विकास,तथा कमज़ोर व्यवस्था ने कुल मिलाकर लैंगिक संघर्ष को बढा दिया और प्राकृतिक रूप से अधिक शक्तिशाली पुरूष हमेशा ही प्रताडित करने वाले पक्ष में रहता है ।

इन सबसे अलग मनोविज्ञानी किसी भी अपराध को एक रोग की तरह देखते हैं । सिसेर बकारिया संभवत: प्रथम अपराधशास्त्री थे जिन्होंने अपराध को एक सामाजिक रोग निरूपित किया । दंडशास्त्रियों का मानना है कि आपराधिकता के विरूद्ध संघर्ष की दरिद्रता , शोषण ,बीमारी ,नशाखोरी तथा वेश्यावृत्ति के विरूद्ध संघर्ष माना जाना चाहिए ।

जो भी हो एक तरफ़ महिलाओं के अधिकारों , समानता सुरक्षा और संरक्षण के प्रति संवेदना दिखाता समाज दूसरी ही तरह अपने ही आधे अस्तित्व के प्रति इतना क्रूर, अमानवीय और निर्दयी व्यवहार करता दोहरा चरित्र सा जी रहा है । यौन अपराधों की मौजूदगी किसी भी समाज और देश के पारस्परिक सहिष्णुता के मूलभूत ढांचे के प्रति एक गंभीर चेतावनी की तरह है जिसे हर हाल में हतोत्साहित किया जाना चाहिए । इसे कम से कम इतना सुनिश्चित तो किया ही जाना चाहिए कि ऐसे सभी अपराधियों का मनोबल गिरा रहे ।

पायलट गया ,खलासी आया

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#खड़ीखबर
भारत ने नकली अयोध्या का निर्माण किया :नेपाली पीएम ओली
चीन के साथ ज्यादा रहेगा तो सब नकली ही दिखेगा बे तुझे

#खड़ीखबर :
राजस्थान के निर्दलीय विधायक ने कांग्रेस पर उन्हें बंधक बनाए रखने का आरोप
इन्होंने मुझे भी 10 साल तक बंधक बनाए रखा था : मनमोहन सिंह

#खड़ीखबर :
कांग्रेस ने दोनों पदों से सचिन पायलट को बर्खास्त किया 
जल्दी ही पायलट पूरी कांग्रेस को राजस्थान से बर्खास्त करेंगे 

और ये शुरू हुई कांग्रेस मुक्त अभियान का फायनल एपिसोड
पूरे देश के 21 कांग्रेसी विधायकों ने बगावत की , मतलब
चप्पा चप्पा …भाजप्पा

#खड़ीखबर :
मम्मी , क्या मैं नहीं ले सकता पायलट की जगह : पप्पू गाँधी 
नो बेटा नो , तुझे मैं एक दिन बस कंडक्टर बना देखना चाहती हूँ : भूरी काकी इटली वाली 

#खड़ीखबर :
सचिन पायलट कल सुबह करेंगे प्रेस कांफ्रेंस
ये लड़का हमें आज रात भी नहीं सोने देगा : खान्ग्रेस

#खड़ीखबर : 
कांग्रेस को नहीं हुआ है कोई नुकसान : पार्टी 
पायलट के काबिल पार्टी नहीं थी ,हमने हार्दिक पटेल खलासी को कांग्रेस में रख लिया है 

#खड़ीखबर 
श्रीराम  असल में  एक नेपाली थी : पी एम ओली
और मैं असल में एक चायनीज़ हूँ 

ड्यूटी विद मोबाइल -गुजरात (सुनीता यादव प्रकरण )

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आजकल वायरल होने / हो जाने का चलन इतना बढ़ गया है कि साधारण इंसान से लेकर बड़ी बड़ी हस्तियां तक वायरल हो जाने की ललक में तैयार रहती हैं | बड़े लोगों का तो खैर कुछ करना और कुछ न करना भी वायरल हो ही जाता है | कुछ वर्षों पूर्व दक्षिण की एक अभिनेत्री प्रिया वारियर द्वारा किसी सिनेमा के लिए दर्शाए गए एक छोटे से वीडियो क्लिप जो आँख मारने का वीडियो था रातों रात लाखों करोड़ों लोगों द्वारा देखा गया और वायरल से वायरल बुखार जैसा सबके मन मस्तिष्क पर चढ़ गया |

हाल ही में भारत सरकार द्वारा बैन किए गए चीनी एप्प टिक टॉक से लोगों का आकर्षण और मोह इसलिए इतना ज्यादा हो गया था क्यूंकि कुछ भी बेसिर पैर का निरर्थक भी उन्हें रातों रात वो पहचान दिला रहा था जो इस रास्ते के अलावा बहुत कठिन होता |

दूसरी गौर करने वाली बात ये भी देखने को आ रही हैं इन दिनों की चूंकि नकारात्मकता जल्दी आकर्षित करती है तो लोग बाग़ जानबूझ कर ऐसी बातें , वीडियो क्लिप्स ,ऑडियो क्लिप्स आदि बना कर उसका दुरूपयोग करके उसे प्रसारित कर अपना नाम जल्दी जल्दी सबकी जुबां पर देखना सुनना चाहते हैं | ये अलग बात है कि मूत्र के झाग की तरह ये सस्ती लोकप्रियता जितनी जल्दी उफान पर जाती है उतनी ही जल्दी फुस्स भी हो जाती है |

किन्तु इस सबके बीच जो ज्यादा चिंताजनक व खतरनाक प्रवृत्ति पिछले दिनों पनप कर सामने आई है वो है , सरकारी सेवा और यहां तक की पुलिस और फ़ौज में कार्यरत लोग भी , गैर जिम्मेदाराना तरीके से अनेक तरह की बातें (कई बार बहुत अधिक आपत्तिजनक और अपमानजनक भी ) , फोटो और वीडियो बना कर साझा करने लगे हैं | ये न सिर्फ नियमानुसार सर्वथा अवैध है बल्कि उस संस्था (जिसमें वो कार्यरत है ) की छवि को भी ठेस पहुंचाने वाला साबित होता है |

सेना में ख़राब भोजन की शिकायत का वीडियो बना कर रातों रात सुर्ख़ियों में आने वाला जवान तेज बहादुर , दिल्ली पुलिस की वर्दी में ही राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में लगी हुई तो महिला कांस्टेबल , और अब तुरंत ही घटा हुआ ये गुजरात की महिला कांस्टेबल सुनीता यादव का प्रकरण |

इन सभी में जो बात सबसे ज्यादा घातक सिद्ध हुई कि उसने न सिर्फ सरकार ,प्रशासन , सेना पुलिस की छवि को धूमिल किया बल्कि आम लोगों में इन संस्थाओं के प्रति भ्रम और द्वेष की भावना को भी जाग्रत किया |

सेना से जुड़े बहुत से हालिया प्रकरण को हवा देकर उसे समाचारों की सुर्ख़ियों में खींच लाने के कारण ही अन्ततः सेना को विवश होकर अपने यहां तमाम सोशल नेट्वर्किंग साइट्स को अपने यहां प्रतिबंधित करना पड़ा | जो सेना और सैनिकों की सुरक्षा के मद्देनज़र भी जरूरी हो गया था ||

जहां तक गुजरात के मंत्री के पुत्र और कांस्टेबल सुनीता यादव वाले इस हालिया प्रकरण की बात है तो , सुनीता यादव ने ,
कार को रोका      वो दायित्व था
पूछताछ की        दायित्व निभाया
उन्हें डाँट लगाई    ये भी दायित्व का ही भाग था
जिम्मेदार पिता (आरोग्य मंत्री ) के पुत्र से अपेक्षित आचरण न किए जाने को लेकर खरी खोटी सुनाना : बिलकुल उचित किया

किन्तु , सार्वजनिक रूप से , मंत्री से फोन पर बात कर ये कहना कि , आपके पुत्र ने ये गलती की अपराध किया है , इस घटना का न सिर्फ वीडियो बनाया बल्कि उसे जानबूझ कर सोशल नेट्वर्किंग साइट्स पर डालना , बार बार मंत्री के बेटे को गाली देकर धमकाना , असभ्य और अश्लील भाषा का प्रयोग करना। …….उनकी वो गलितयाँ थीं जिसके लिए उन पर प्रशासनिक गाज़ गिरनी तय थी | अब चूंकि मामला सीधे प्रदेश के आरोग्य मंत्री से जुड़ा हुआ था तो जैसा की होना स्वाभाविक था ,मामले ने तेज़ी से तूल पकड़ा और वो रातों रात देश भर में राजनेताओं द्वारा पुलिसकर्मियों को अपमानित एक पीड़ित के रूप में जानी जाने लगीं | 

ज़ाहिर सी बात है कि , पहले से ही अपने महकमे और अपने सहकर्मियों के बीच गुस्सैल और गाली गलौज करने वाली तेज़ तर्रार महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव ने  पुलिस प्रशासन को न सिर्फ अपना इस्तीफा सौंप दिया बल्कि इस घटना को और तूल देकर अपनी छवि चमकाने का प्रयास किया |

ट्विट्टर ,फेसबुक आदि पर लोग बाग बिना कुछ सोचे समझे उस दो मिनट की वीडियो क्लिप (जिसके आगे कांस्टेबल ने मंत्री के पुत्र को खूब जम के भला बुरा कहा बल्कि गाली गलौज़ तक कर दी ) देख कर ,मंत्री ,गुजरात सरकार को खूब कोसते रहे और कोस रहे हैं | यहाँ तक कि सपा नेता अखिलेश यादव सहित बहुत से नेता और पत्रकार भी उसी के सुर में सुर मिलाने लगे |

सरकारी सेवा की नियमावली ये स्पष्ट कह देती है कि आपका , कोई भी कथ्य कृत्य दृश्य रूपण आदि कभी भी किसी भी  परिस्थिति में ऐसा नहीं होना चाहिए/ नहीं हो सकता ,जिससे संस्थान , प्रशासन और संरक्षक सरकार के विरुद्ध कोई अपमानजनक, भ्रामक व संस्थान  की छवि को चोट पहुंचने वाला सन्देश जाए क्यूंकि वो हर हाल में उस संस्थान के प्रतिनिधि के तौर पर आम जनमानस में देखा व समझा जाता है |

आज सुनीता यादव बेशक अपने सोशल नेटवर्क हैंडल से I am with Sunita yadav जैसी कैम्पेन चला कर खुद को लेडी सिंघम के रूप में देखना व दिखाना चाह रही हैं किन्तु शायद वे यह भूल रही हैं कि समय के साथ बहुत जल्दी ही वो न सिर्फ इन सब बातों के लिए बिसरा दी जाएंगी बल्कि सच सामने आने पर उनके पक्ष में दिख रहे बहुत सारे लोग उनका साथ छोड़ देंगे |

राहुल होंगे राजस्थान के नए सी एम

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#खड़ीखबर
राजस्थान सरकार पर छाए संकट का सोनिया गांधी ने निकाला हल
अमारा राजा बेटा राहुल ई अधछ के साथ ही चीप मिनिस्टर बनेगा

#खड़ीखबर :
चीन ने भारत के सामने फिर जताई कड़ी आपत्ति
कहा ये ZEE न्यूज़ वाले रोज़ हम पर बम गिरा रहे हैं

#खड़ीखबर :
राजस्थान में भी सरकार पर गहराया संकट
ये बहुत गलत बात है
हमने तो मोदी सरकार के खिलाफ अगले दस दिन के वीडयो बना रखे थे
:पप्पू भिया कांग्रेस वाले

#खड़ीखबर :
मोदी सरकार हमारी नागरिकता छीन रही है :कांग्रेस
मोदी सरकार हमारी पार्टी ,सरकार सब कुछ छीन रही है

#खड़ीखबर :
पत्रकार , सचिन पायलट से , सर ये फैसला क्यों लिया आपने
सोशल डिस्टेंसिग बे ,सोशल डिस्टेंसिंग किए हैं “कोरोना से ”

#खड़ीखबर
राहुल गाँधी ने राजस्थान घटनाक्रम पर दी बेबाक प्रतिक्रिया
कहा : हम तो पहले ही कह रहे थे “अब होगा न्याय ”

#खडीखबर :
हमारे सारे विधायक कांग्रेस के साथ है : अशोक गहलोत
हमारे भी सारे कांग्रेस के साथ ही थे पहले : कमलनाथ

#खड़ीखबर :
अशोक गहलोत ने माँगी कमलनाथ से सलाह ,पूछा
इस्तीफे के बाद मीडया के सामने कैसे रोना है