आपको कुछ सालों पहले घटी घटना आरुषि तलवार हत्याकाण्ड अभी जेहन से पूरी तरह तो भुलाई नहीं जा सकी होगी | वही दिल्ली से सटे नोएडा एक फ़्लैट में 14 वर्षीय एक बालिका की नृशंस ह्त्या जिसमें लाख कोशिशों के बावजूद भी आजतक किसी को पता नहीं चला की वास्तव में आरुषि तलवार का हत्यारा था कौन ?
ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्यूंकि अक्सर समाज में किसी न किसी को ये कहते सुनते पाया है की ” अपराध कभी नहीं छुपता ” लेकिन अब इस पंक्ति पर रत्ती भर भी यकीन नहीं होता | पुलिस हर साल अलग से उन घटनाओं और अपराधों की सूची जारी करती है जो पुलिस अनुसंधान में अपने अंजाम तक नहीं पहुँच पाते |
यही सब कुछ अब हाल ही में विवादास्पद मृत्यु का शिकार हुए सुशांत सिंह राजपूत के सारे घटनाक्रम में | इस नवोदित सितारे की अचानक और संदेहास्पद मौत की घटना ने हिंदी सिनेमा में एक भूचाल ला कर रख दिया है |
इन दिनों हिंदी सिनेमा में चल रही हर गलत प्रवृत्ति , प्रचलन और व्यवहार पर सार्वजनिक विमर्श द्वारा दर्शकों के सामने उस चकाचौंध भरी करिश्माई फ़िल्मी दुनिया का क्रूर सच सामने लाया जा रहा है | बात चाहे भाई भतीजावाद को लेकर हो या फिर , एक खास गुट द्वारा हिंदी सिनेमा पर जबरन दबदबा बनाए रखने की कोशिश की , गैर सिनेमाई परिवेश से आने वाले नए कलाकारों के साथ अमानवीय स्तर तक दुर्व्यवहार और शोषण , हिंदी सिनेमा में अपराध जगत द्वारा पैसे के निवेश का खेल आदि जैसे बहुत सारे अनछुए पहलुओं पर अब गहराई से पड़ताल शुरू हो गई है |
सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने जैसे एक उत्प्रेरक घटना का काम कर दिया है और ऐसा लग रहा है जैसे सिने जगत का हर अभिनेता ,कलाकार ,आदि जल्द से जल्द अपना अपना सच स्वीकार करके इस बोझ से बाहर आने का प्रयास कर रहे हैं | और ये आने वाले हिंदी सिनेमा के लिहाज़ से भी निर्णायक ही साबित होगा |
एक जाने माने अभिनेता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है | स्थानीय पुलिस जो लगभग 40 दिनों की जांच पड़ताल ,पूछताछ और अन्वेषण के बावजूद एक शब्द आधिकारिक रूप से बताने को तैयार नहीं है ये तक नहीं कि पुलिस जांच आखिर जा किस दिशा में रही है |
इस बीच सुशांत की मौत ने जहाँ आम दर्शकों को अपने चाहते अभिनेता की मृत्यु के सच को जानने के लिए उद्वेलित किया और बार बार इस घटना की सीबीआई जांच की माँग उठने लगी | नए घटनाक्रम में सुशांत राजपूत के परिवार द्वारा सुशांत की पूर्व महिला मित्र रिया को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज़ कराई गयी है | इसके बाद मौजूदा हालात में महाराष्ट्र ,बिहार पुलिस के अतिरिक्त प्रवर्तन निदेशालय भी अपने स्तर पर इस मामले को देख रहा है |
लेकिन इन सबके बीच जो सबसे अहम् बात दरकिनार हो रही है वो है घटना के बाद बीत जाने वाला एक एक दिन | जैसे जैसे दिन निकलते जाएंगे साक्ष्यों ,गवाहों ,आदि के लिए अनुसंधान किये जाने और उससे पुख्ता सच बाहर आने की संभावना दिन पर दिन क्षीण होती जाएगी |
इस घटना के पूरे अनुसंधान और अन्वेषण के उपरान्त इसका परिणाम चाहे जो भी निकले ,दोषी एक या एक से अधिक व्यक्ति निकलें | किन्तु इतना तो सत्य है की हिंदी सिनेमा की इस चमकती दमकती दुनिया के अंदर बहुत ही घिनौना और वीभत्स चरित्र छुपा हुआ है और लगातार अपना शिकार बना रहा है अलग अलग नामों से | कभी जिया खान तो कभी सुशांत सिंह राजपूत के नाम से |