संविधान दिवस पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी की मूर्ति का अनावरण किया। इस मूर्ति के अनावरण के समय सर्वोच्च न्यायलय के प्रखर मुख्य न्यायाधीश श्री डी वाई चन्द्रचूड़ के अलावा कानून मंत्री श्री अर्जुन मेघवाल भी उपास्थित रहे।
बाबा साहब की इस प्रतिमा की एक विशेषता यह भी है कि इसमें वे एक अधिवक्ता के रूप में दर्शित किये गए हैं। इस अवसर पर बोलते हुए महामहिम ने न्यायिक अधिकारी चयन व्यवस्था में ऐसे उपायों पर विचार करने का आग्रह किया जिससे समाज के सबसे पिछड़े दलित और वंचित वर्ग के अतिरिक्त देश भर के मेधावी विधि वेत्ताओं को भी अवसर मिले।
राष्ट्रपति ने इसके लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा , पुलिस सेवा की ही तरह न्यायिक अधिकारियों के लिए इसी उच्च स्तरीय प्रतियोगी परिक्षा जैसे विकल्पों पर भी विमर्श का सुझाव सामने रखा।
समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने भी नए और कई क्रांतिकारी सुधारों की जानकारी देते हुए सबको आश्वस्त किया कि भारतीय न्यायपालिका हमेशा की तरह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों की सजग प्रहरी बनी रहेगी और ये भी कि देश के सभी नागरिकों के दरवाज़े हमेशा खुले हुए हैं। “