यथा राजा तथा प्रजा -इसी बात को चरितार्थ करते हुए पंजाब की कानून व्यवस्था इन दिनों अपने सबसे निचले और कहें की सबसे अधिक दयनीय स्थिति में है। एक दिन ऐसा नहीं जाता जब पंजाब के विभिन्न सूबों से किसी न किसी बड़े अपराध की घटना पुरे देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। कनाडा में खालिस्तानियों का बढ़ता प्रभाव से अब पंजाब भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। इसने पहले से ही नशे की गिरफत में फंसे पूरे प्रदेश की क़ानून व्यवस्था को भारी खतरे में डाल दिया है। पंजाब की राज्य सरकार अपने अच्छे बुरे अनुभव के साथ इसे संभालने की भरसक कोशिश में लगी है। लेकिन हालात तो दिनों दिन और ज्यादा खराब ही होते जा रहे हैं।
अभी हाल ही में पंजाब के फाजिल्का जिले में सिर्फ कुछ दिनों पहले ही स्थापित की गई शहीद उधम सिंह की मूर्ति को उपद्रवकारियों ने अपना निशाना बनाया। उपद्रवियों ने मूर्ति के हाथ काट कर उसमें पकड़ाई हुई रिवाल्वर भी निकाल कर फेंक दी। आसपास के आक्रोशित लोग इसे देश के अमर शहीद क्रांतिकारियों का अपमान मान कर पुलिस और प्रशासन से अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।