सुशांत सिंह राजपूत की मौत से शुरू हुई बॉलीवुड की बर्बादी की कहानी अब अपने अंजाम तक पहुँच रही है

गौर करके देखने से पता चल रहा है कि , युवा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत , उस घटना/ दुर्घटना -हत्या/आत्महत्या के इर्द गिर्द का सारा घटनाक्रम सब संदेहास्पद और सबसे अधिक अखरने वाली बात राज्य प्रशासन और पुलिस का कुछ विशेष लोगों को बचाने के लिए की गई कोशिशें , इस पर सवाल उठाने वालों के साथ होने वाला सलूक – ये सारी बातें ऐसी थीं जिसने आम जनमानस को बुरी तरह से आहत किया और झकझोर कर रख दिया।

ये कोरोनाकाल के इस महाआपदा की शुरुआत भी थी और जैसे जैसे इस घटना की जांच बढ़ी , राज्य पुलिस की सारे मामले की लीपापोती की कोशिश के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस अपराध का अन्वेषण शुरू किया और जिस तरह से हिंदी सिनेमा के बड़े बड़े नामचीन सितारों का एक के बाद एक ऐसे समय में भी ,नशे ,व्याभिचार , अनैतिकता के घिनौने संसार और व्यापार की बात लोगों के सामने आई इस सच ने तो जैसे दशकों से इन्हें अपना हीरो , अपना आदर्श , अपना मसीहा मानने समझने वालों को हतप्रभ करके रख दिया और इस काले सच ने मानो बॉलीवुड का असली चेहरा सबके सामने रख दिया।

एक एक करके बड़े बड़े सितारों का ड्रग्स की पार्टियों में नशे का सेवन , ड्रग्स पैडलर से लेकर ड्रग्स सिंडिकेट तक से मेल जोल , सुशांत सिंह और इन जैसे तमाम अभिनेताओं की संदिग्ध मौत पर चुप्पी साध लेना , खान गैंग द्वारा किए जा रहे षड्यंत्रों से सोनू निगम , अभिजीत , अरिजित जैसे गायकों , सुशांत , दिशा , जिया जैसे अदाकारों की संदिग्ध मौत सबका सारा गंदा खेल सबके सामने उजागर हो गया और यहीं से शुरू हो गई उस बॉलीवुड के बर्बादी की कहानी जो एक एक सिनेमा से करोड़ों रूपए कमा कर उस पैसे से ये अब कर रहे थें।

रही सही कसर पूरी कर दी कोरोनाकाल के दौरान ,;लगातार होने वाली देशबन्दी ने। जब देश भर में सिनेमा और मनोरंजन के नाम पर उलटे सीधे पैसे वसूलने वाले हज़ारों मल्टीप्लेक्स पर ताला लग गया।  इसकी भरपाई करने की कोशिश की गई DTH सेवा से लोगों के घरों में लगे टीवी के माध्यम से कमाई करने की , मगर जनता ने वहाँ भी अब इन्हें बुरी तरह नकारना शुरू कर दिया।

एक वर्ष से अधिक हो चुके हैं और बॉलीवुड अब अभी तक अपने सबसे निम्न स्तर पर पहुँच चुका है , यही हाल रहा तो ये सब जो करोड़ों अरबों की कमाई करने के बावजूद देश समाज और लोगों पर आपदा ,विपदा आने के समय अपने अपन घरों में छिप जाते हैं और एक रुपया किसी की मदद के लिए नहीं खर्च करते उन्हें अपने खर्च के भी लाले पड़ जाएंगे।

सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत आखिरकार बॉलीवुड के ताबूत में आखिरी कील साबित हो गई है और अब पाप की ये दुनिया अपनी अंतिम परिणति पर पहुंच चुका है।

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