कांग्रेस : तुम्हारा दुःख खतम काहे नहीं होता बे

जबसे कांग्रेस के हाथ से सत्ता ,सरकार गई है तभी से , भाई साहब तभी से , भाई साहब तभी से इस पार्टी का ढोल ढपली सब फट गया है।  सरकार बची नहीं , मंत्रालय मिला नहीं , खाली खलिहर होकर एकदम दलिद्दर हो कर रह गए हैं बेचारे।

अब आप खुद देखिये , जब भारत।,  दुनिया को अपने दम पर चाँद पर पहुंच कर हुंकार भर रहा होता है ये पार्टी और इनके चश्मों चराग निकल पड़ते हैं पैदल भारत घूमने और उससे थके तो सीधा विदेश , और भारत भी किसलिए घूमे , भारत को जोड़ने के लिए , कहाँ जोड़ना , किसके साथ किसे जोड़ना है कब जोड़ना , इसका कुछ अता पता ही नहीं बाकी सब ब्ला ब्ला ब्ला।

इतने सालों में संसद से लेकर सड़क तक और पोल से लेकर पार्टी तक कहीं भी कभी भी , प्रभावशाली , तार्किक , दूरदर्शी या जुझारू दीखते लगते तो भी कहा माना जा सकता था की सत्ता में पचास साल तक बैठी पार्टी विपक्ष में उठने बैठने के सामान्य संस्कार से तो परिचित होगी ही।

अभी जब पूरी दुनिया भारत की अगुआई में मेजबानी में भविष्य के विश्व और विश्व के भविष्य पर निर्णायक मंथन के लिए एकत्र है तो उन्हें , अपने कांग्रेस को तकलीफ ये है की – मेहमानों को रास्ते में पड़ने वाली झुग्गी झोपड़ियों या उस बहाने दिल्ली दिल्ली देश की तथाकथित गरीबी गन्दगी बदहाली क्यों नहीं देखने दी ,-मतलब कुछ भी। अपना पिछवाड़ा उठा कर बवासीर दिखा कर मेहमान से दवाई पूछने का काम कांग्रेस को करता देख तभी कोई पूछ बैठा

अबे कांग्रेस ! तुम्हारा दुःख ख़तम काहे नहीं होता बे 

 

ताज़ा पोस्ट

यह भी पसंद आयेंगे आपको -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

ई-मेल के जरिये जुड़िये हमसे