एक देश एक कानून से ही बंद होगा ये सब तमाशा

थोड़े थोड़े दिनों के अंतराल पर , जानबूझकर किसी भी बात बेबात को जबरन तूल देकर मुद्दा बनाना और फिर उसकी आड़ में देश , समाज , कानून , सरकार सबको बदनाम करने की साजिश रचना – बस यही सब बचा रह गया है कुछ मुट्ठीभर ,हताश और निराश लोगों के गुट के पास .

अभी थोड़े समय पहले , तीन तलाक पर , फिर धारा 370 पर , फिर आए नागरिकता संशोधन कानून के विषय पर , फिर कृषि कानून सुधार कानून पर , फिर सार्वजनिक रूप से सड़कों और अन्य स्थलों पर जबरन नमाज अता करने  और अब अचानक ने स्कूल कालेज में जबरन हिजाब पहनने की ज़िद और उसे रोके जाने पर किया जा रहा स्यापा और हंगामा . 

पूरी दुनिया , कोरोना महामारी से उबरने के बाद , अपनी धराशाई हो गई अर्थव्यवस्था , चरमराई अर्थव्यवस्था आदि को दुरुस्त करने में लगे हैं लेकिन यहां भारत में कुछ मोमिन और ख्वातीन -अल्ला हु अकबर करते हुए अपना जेहाद जारी रखे हुए हैं . उनकी खुशकिस्मती ये कि , भारतीय जनता पार्टी , केंद्र राज्य सरकार , मोदी योगी और सबसे अधिक हिंदुओं से द्वेष पाले हुआ विपक्ष भी ऐसे ही मौकों की तलाश में -फट्ट से उनके साथ मिल कर टूलकिट का हिस्सा बनकर वही सब कर रहा है .

इनकी बदकिस्मती ये है कि , अब इनकी ऐसी तमाम कोशिश भी , इस बदले हुए भारत के नए तेवर , नए संकल्प , नई शक्ति के आगे बार बार टूट कर हार रही हैं . भारत का बहुसंख्यक समाज अब ये निर्णय कर चुका है जिसमे यही तय किया जा रहा है कि – अब सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रहित , सनातन हित के लिए संकल्पित पार्टी और लोगों के साथ ही चलना है .

असल में बार बार , अलग अलग बहानों से देश और व्यवस्था को अस्थिर करने के तमाम अवसरों को सिरे से समाप्त करने का एकमात्र सही और समुचित उपाय है – एक देश एक संविधान और एक कानून . देश के सभी नागरिकों पर सिर्फ और सिर्फ एक ही कानून लागू किया जाना चाहिए और किसी भी सूरत में कैसा भी कोई भी संस्था या कानून इससे अलग और इससे ऊपर नहीं रखा जाना चाहिए . 

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