भाजपा को साम्प्रदायिक दिखाते दिखाते खुद ही कट्टरपंथी हो गया पूरा विपक्ष

यही होता है जब झूठ पर तरह तरह का लेप चढ़ाकर उसे सच बताने /दिखाने और साबित करने की कोशिश की जाती है और फिर सोशल मीडिया के जमाने में वक्त बेवक्त सारा सच झूठ उधड़ कर सामने आ जाता है। और जब समय चुनाव का हो तो कहना ही क्या ??

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जब प्रचंड बहुमत से सत्तारूढ़ हुई हो ये तभी स्पष्ट हो गया था कि प्रदेश की बहुसंख्यक सनातन जनता को अब काम से काम सालों से चली आ रही मुस्लिम तुष्टिकरण और अपराधियों के संरक्षण की प्रशासन नीतियों का खामियाज़ा तो नहीं ही भुगतना पडेगा।

अगले के कुछ सालों में , योगी सरकार ने क़ानून और व्यवस्था को पूरी ताकत दे और प्रशासन ने हर बड़े छोटे अपराधी भ्रष्टाचारी के सारे मंसुब पर बुलडोज़र फिरा दिया। इस चपेट में इत्तेफाकन बसपा , सपा द्वारा खड़े किए तमाम मुग़ल भी आ गए।

बस यहीं से शुरू हुआ योगी सरकार , और भाजपा को सिर्फ हिन्दू हितैषी और अल्संख्यक विशेस्कर मुस्लिम विरोधी साबित करने की कोशिश तथा इसके लिए किए जा रहे तरह तरह के प्रपंच एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने अपनी छोटी बड़ी योजनाओं , कानूनों और बदलावों से समाज के हर वर्ग के कल्याण कार्य किए वहीँ पूरा विपक्ष धीरे-धीरे दोहरी दुविधा में फँसता चला गया।

एक तरफ खुद को हिन्दू विरोधी छवि से निकालने की जी तोड़ कोशिश के बाद थकहार कर चुनाव के समय समय अपने असली चरित्र और कट्टरपंथियों से साझेदारी के सहारे सत्ता पाने के रास्ते पर ही चलने को विवश हो गए।

इन सबके बीच जो बात बार बार स्वतः प्रमाणित हो जा रही है वो ये कि भाजपा साम्प्रदायिक हो न हो , , सिर्फ हिन्दू हितैषी बेशक साबित न हो पाए लेकिन इस चक्कर में कांग्रेस, सपा -बसपा समेत समूचा विपक्ष खुद ही कट्टरपंथी बन गया।

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