वो संसद पर ,मुंबई ,दिल्ली और जाने कितने शहरों में आतंक और मौत का नंगा नाच करते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो सेना पर ,पुलिस पर पत्थर बरसाते रहे ,
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो विश्वविद्यालयों में भारत के टुकड़े करने के मंसूबे के साथ जैसे करते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो बार बार हिन्दू धर्म ,मान्यताओं ,देवताओं का अपमान करते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो बार बार तिरंगे का ,वन्दे मातरम् का ,भारत माता की जय कहने का तिरस्कार करते रहे
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो रेल बस घर दफ्तर फूँकते रहे,सरकारी निजी सब कुछ जलाते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो सड़कों को घेर कर उनपर महीनों बैठ कर कानून पुलिस को ठेंगा दिखते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
आज वो , जानबूझ कर बीमारी के बीज लिए सबके बीच जहर बो रहे हैं ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
वो डाक्टरों ,नर्सों के सामने नंगे होकर अपनी तालीम दिखाते रहे ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
तुमने कहा बार बार कहा हर बार कहा ,हर मुसलमान आतंकी नहीं होता ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
तुमने कहा ,हर मुसलमान राष्ट्रदोही नहीं होता ;
तुमने कहा सब थोड़ी हैं उनमें शामिल ,सबको क्यों निशाना बनाया जा रहा है ,हमने कहा ठीक है
तुम सीधे सीधे ये क्यों नहीं कह देते की हर मुसलमान इंसान नहीं होता ; हम कह देंगे ठीक है
नहीं अब हम कुछ नहीं कहेंगे अब हम ठीक करेंगे और फिर कहेंगे कि ठीक है
क्यों ठीक है न ???