बागवानी अक्सर फूल या बिना फूल के खूबसूरत पौधों के आकर्षण में शुरू की जाती है मगर फिर कब आपको इन फूल पौधों और गमलों की खाली पड़ी मिट्टी से एक स्नेह हो जाता है , एक रिश्ता जुड़ जाता है , ये आपको पता भी नहीं चलता .
फूलों के बाद अगली कोशिश , आम तौर पर फल उगाने की होती है या फिर साग सब्जी . बागवानी के अपने अनुभव के आधार पर कहूँ तो साग सब्जी उगाना बागवानी के कुछ सरलतम पाठों में से एक है .
अक्सर बागवानी में हाथ आजमाने वाले मित्रों को मेरा यही कहना होता है कि , जब खुद बागवानी शुरू करने का मन करे , मिट्टी में हाथ और खुरपी चलाने की हसरत हिलोरें मारने लगे तो , कुछ मत करिए , रसोई घर में घुसिए .
फल और फूल की तरह इनमें भी , ये बात कि गमला कैसा होना चाहिए ये इस बात पर निर्भर करता है कि , लगाया या बोया क्या जाना है . धनिया पालक मेथी चौलाई पुदीना आदि तमाम साग पात के लिए गमले चौड़े और मिर्च टमाटर प्याज लहसन आलू बैंगन के लिए गमले गहरे हों तो बहुत बेहतर रहता है .
सब्जियों की बागवानी की एक खूबसूरत बात ये है कि आप सालों भर कोई न कोई सब्जी लगाई जा सकती है और बहुत सारी सब्जियाँ तो वर्ष भर उगाई खाई जा सकती हैं .बस सावधानी ये रखनी है कि मौसम के अनुकूल और अनुसार ही सब्जियों की बागवानी की जानी चाहिए .
क्या एक छोटे परिवार के उपयोग लायक सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं ??? -हाँ , बहुत आराम से . यदि नियोजित तरीके से बागवानी की जाए तो बहुत आसानी से ये किया जा सकता है . हाँ धूप , सब्जियों की खेती का एक महत्वपूर्ण और जरूरी तत्व है .मगर कम धूप में भी बहुत कुछ उगाया लगाया जा सकता है .