इस देश का हाल अजब गजब है , क्यूंकि दुनिया में ये इकलौता अकेला ऐसा देश जहां कोरोना महामारी के कारण लाखों जानों पर प्राणघातक संकट छाया हुआ है , सरकार प्रशासन , अस्पताल डाक्टर पुलिस और खुद आम लोग भी इससे उबरने के लिए दिन रात संघर्ष कर रहे हैं , लड़ रहे हैं और दूसरी तरफ कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ , राजनीति और पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर ऐसे ही दिन रात , षड्यंत्र रच रहे हैं , चिकित्स्कीय साधनों और संसाधनों की कालाबाज़ारी कर रहे हैं और छद्द्म आंदोलन/प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार द्वारा किसान बिल में संशोधन के विरोध में , कांग्रेस और भाजपा विरोधी सरकारों की सरपरस्ती और उकसावे में किसानों के नाम पर पिछले कुछ महीनों से राजधानी दिल्ली और उसके आसपास जो भी कुछ किया जा रहा है /किया गया है उससे भी मन नहीं भरा तो रह रह के कुछ दिनों के बाद कुछ न कुछ नया शिगूफा छोड़ दिया जाता है। इस किसान आंदोलन के तथाकथित अगुआ और नेता जो न तो सरकार से एक दर्जन बार बैठक करने के बाद कोई हल निकास सके और न ही खुद किसी नतीजे पर पहुंचे।