देखा जी , इन्होने तो पहले ही कहा था कि , जैसा जैसा दिल्ली का हाल , मेरा मतलब विकास करके छोड़ा है हमने कसम है जो उससे रत्ती भर भी कम बदला पंजाब वालों से लिया जाए , फिर हो भी क्यों न , बकौल कट्टर ईमानदार सड़ जी के पूरे पंजाब ने उनके कान में जाकर कहा था कि इस समय पंजाब की बागडोर संभालने के लिए सबसे योग्य व्यक्ति सिर्फ सिर्फ मान न मान ओनली भगवंत मान ही हैं , तो उन्होंने बना दिया।
फिर सड़ जी की भी क्या गलती जब मान साब ने चुनाव से पहले अपने बहुत सारे प्रचलित वीडयो में से एक में अपनी माँ की कसम खाते हुए , जबकि ऐसा उन्हें कहा नहीं होगा करने को किसी ने , कहा था कि वे मदिरापान का सर्वथा त्याग कर रहे हैं और किए भी रहे लेकिन जब बात फॉरेन शोरेन की हो विदेशी सुरा हो तो फिर थोड़ी बहुत ओवर हो भी जाए तो क्या और इस पर मान साब का ये भी मानना है कि कसम खाना और खा कर थोड़े दिनों में उस कसम को हज़म कर जाना यही तो असल में अलग वाली राजनीति है।
सड़ जी , गुजरात के लिए नया सी एम तलाशते हुए साथ साथ अपने डिप्टी जी को भी अपने अन्य दोनों तीनों धुआँधार ईमानदारों के साथ ही तिहाड़ में देखे व पाए जाने की दिली इच्छा वे कई बार ज़ाहिर कर चुके हैं बस एक बार नहीं बताया जाता कि ऐसी कौन सी विपदा आ गई थी ऐसा क्या गजब हो गया था कि पैसे के लिए खुद सरकार को गली गली में शराब बेचने के लिए आमादा होना पड़ा वो भी तब जब बार बार ये साबित होता रहा है कि बेशक और किसी बात के लिए आप के पास पैसे हों न हों मगर प्रचार के लिए तो पूरा खजाना खुला हुआ है।